प्रयागराज: प्रयागराज पुलिस ने डिजिटल अरेस्ट के जरिए 3 महीने में 1.5 करोड़ रुपए ठगने वाले 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया। मास्टरमाइंड संदीप कुमार सेन और मो. साहिल की लाइफ स्टाइल देखकर पुलिस भी हैरान रह गई। दोनों महंगे कपड़े, गैजेट के शौकीन हैं। दिल्ली के पहाड़गंज में दो-दो बार एंड रेस्टोरेंट खोल रखे थे। 80 हजार रुपए महीने पर 2 बाउंसर रखे थे। प्राइवेट सिक्योरिटी के बीच वो किसी बड़े कारोबारी की तरह लग्जरी लाइफ जी रहे थे।
संदीप कुमार सेन वर्साचे की टी-शर्ट का शौकीन है। अरेस्टिंग के दौरान करीब 13 हजार की टी-शर्ट पहन रखी था। उसके पास 10 से 15 हजार कीमत की कई शर्ट भी मिलीं। क्लाउड कंपनी के 5 जूते मिले। एक जोड़ी की कीमत 15 से 20 हजार रुपए है। फर्जी तरीके से लाखों की रकम ट्रांसफर कराने के बाद संदीप और साहिल सबसे महंगे शोरूम में पहुंचकर जूता खरीदते थे।
बुकिंग पर मंगवाते थे लग्जरी कार
दिल्ली में 55 हजार रुपए महीने का एक फ्लैट किराए पर लिया था। दोनों लग्जरी कार भी किराए पर मंगाते थे। शो ऑफ के लिए बाउंसर रखते थे। पूछताछ में सामने आया कि कपड़े और जूते के साथ उन्हें महंगी घड़ी और आईफोन का भी शौक था।
दोनों सिर्फ 12वीं पास, मगर साफ्टवेयर एक्सपर्ट
DCP सिटी दीपक भूकर ने बताया- दोनों ने सिर्फ 12वीं तक ही पढ़ाई की है। मगर मोबाइल, कंप्यूटर और साफ्टवेयर के एक्सपर्ट हैं। दोनों के मोबाइल में एप की भरमार है। हैकिंग और एडिटिंग बहुत तेजी से करते हैं।
अब जालसाजी की पूरी स्क्रिप्ट समझिए..
CBI, इनकम टैक्स के फर्जी अफसर बन करते थे जालसाजी
संदीप और मो. साहिल CBI, RBI, इनकम टैक्स के फर्जी अफसर बनकर साइबर ठगी करते थे। दोनों ने दिल्ली को ठगी का बेस बनाया। DCP भूकर ने साइबर ठगों की पूरी स्क्रिप्ट के बारे में बताया।
भूकर के मुताबिक, प्रयागराज निवासी रिटायर्ड इंजीनियर से 6 अगस्त, 2024 को संपर्क कर इन लोगों ने क्रिप्टो करेंसी में इनवेस्ट करने को कहा। इसके बाद डरा-धमका कर डिजिटल अरेस्ट कर लिया। उन्हें CBI के दस्तावेज भेजे, इनकम टैक्स से संबंधित कागजात भेजकर कहा- आप गिरफ्तार होने वाले हो। इसके बाद डिजिटल अरेस्ट कर 68 लाख रुपए ट्रांसफर करा लिए। प्रयागराज के साइबर थाने में केस दर्ज होने के बाद टीमें जांच में जुटीं।
बैंक अकाउंट, वॉट्सऐप नंबर, मोबाइल नंबर, पैन कार्ड आदि से जांच आगे बढ़ी तो सरगना संदीप कुमार सेन को दबोचा गया। इसके बाद उसका साथी मो. साहिल पकड़ा गया। तब दिल्ली से संचालित साइबर ठगों के गैंग से पर्दा उठा।
निवेश का लालच देकर जाल में फंसाते थे
डिजिटल अरेस्ट के मास्टरमाइंड 12वीं पास:प्रयागराज पुलिस लग्जरी लाइफ देख दंग रह गई; 13 हजार की टीशर्ट, 20 हजार के जूते पहने थे
प्रयागराज पुलिस ने डिजिटल अरेस्ट के जरिए 3 महीने में 1.5 करोड़ रुपए ठगने वाले 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया। मास्टरमाइंड संदीप कुमार सेन और मो. साहिल की लाइफ स्टाइल देखकर पुलिस भी हैरान रह गई। दोनों महंगे कपड़े, गैजेट के शौकीन हैं। दिल्ली के पहाड़गंज में दो-दो बार एंड रेस्टोरेंट खोल रखे थे। 80 हजार रुपए महीने पर 2 बाउंसर रखे थे। प्राइवेट सिक्योरिटी के बीच वो किसी बड़े कारोबारी की तरह लग्जरी लाइफ जी रहे थे।
संदीप कुमार सेन वर्साचे की टी-शर्ट का शौकीन है। अरेस्टिंग के दौरान करीब 13 हजार की टी-शर्ट पहन रखी था। उसके पास 10 से 15 हजार कीमत की कई शर्ट भी मिलीं। क्लाउड कंपनी के 5 जूते मिले। एक जोड़ी की कीमत 15 से 20 हजार रुपए है। फर्जी तरीके से लाखों की रकम ट्रांसफर कराने के बाद संदीप और साहिल सबसे महंगे शोरूम में पहुंचकर जूता खरीदते थे।
पुलिस दोनों शातिर जालसाजों को मीडिया के सामने लेकर आई। -
पुलिस दोनों शातिर जालसाजों को मीडिया के सामने लेकर आई।
बुकिंग पर मंगवाते थे लग्जरी कार
दिल्ली में 55 हजार रुपए महीने का एक फ्लैट किराए पर लिया था। दोनों लग्जरी कार भी किराए पर मंगाते थे। शो ऑफ के लिए बाउंसर रखते थे। पूछताछ में सामने आया कि कपड़े और जूते के साथ उन्हें महंगी घड़ी और आईफोन का भी शौक था।
दोनों सिर्फ 12वीं पास, मगर साफ्टवेयर एक्सपर्ट
DCP सिटी दीपक भूकर ने बताया- दोनों ने सिर्फ 12वीं तक ही पढ़ाई की है। मगर मोबाइल, कंप्यूटर और साफ्टवेयर के एक्सपर्ट हैं। दोनों के मोबाइल में एप की भरमार है। हैकिंग और एडिटिंग बहुत तेजी से करते हैं।
अब जालसाजी की पूरी स्क्रिप्ट समझिए...
दोनों जालसाज संदीप और मो. साहिल 12वीं पास हैं। - Dainik Bhaskar
दोनों जालसाज संदीप और मो. साहिल 12वीं पास हैं।
CBI, इनकम टैक्स के फर्जी अफसर बन करते थे जालसाजी
संदीप और मो. साहिल CBI, RBI, इनकम टैक्स के फर्जी अफसर बनकर साइबर ठगी करते थे। दोनों ने दिल्ली को ठगी का बेस बनाया। DCP भूकर ने साइबर ठगों की पूरी स्क्रिप्ट के बारे में बताया।
भूकर के मुताबिक, प्रयागराज निवासी रिटायर्ड इंजीनियर से 6 अगस्त, 2024 को संपर्क कर इन लोगों ने क्रिप्टो करेंसी में इनवेस्ट करने को कहा। इसके बाद डरा-धमका कर डिजिटल अरेस्ट कर लिया। उन्हें CBI के दस्तावेज भेजे, इनकम टैक्स से संबंधित कागजात भेजकर कहा- आप गिरफ्तार होने वाले हो। इसके बाद डिजिटल अरेस्ट कर 68 लाख रुपए ट्रांसफर करा लिए। प्रयागराज के साइबर थाने में केस दर्ज होने के बाद टीमें जांच में जुटीं।
बैंक अकाउंट, वॉट्सऐप नंबर, मोबाइल नंबर, पैन कार्ड आदि से जांच आगे बढ़ी तो सरगना संदीप कुमार सेन को दबोचा गया। इसके बाद उसका साथी मो. साहिल पकड़ा गया। तब दिल्ली से संचालित साइबर ठगों के गैंग से पर्दा उठा।
निवेश का लालच देकर जाल में फंसाते थे
DCP ने कहा- यह गैंग पहले संपर्क कर डिजिटल करेंसी के तौर पर निवेश का लालच देकर जाल में फंसाती है। क्रिप्टो करेंसी समेत अन्य मामलों की जानकारी लेने के बाद गिरोह के सदस्य CBI अधिकारी, इनकम टैक्स अफसर, पुलिस अफसर बनकर उसी शख्स को घेरे में लेते हैं। उन्हें डराया जाता है कि अरेस्ट होने वाले हो। फर्जी एफआईआर की कापी, दस्तावेज भेजे जाते हैं। इसके बाद पूरा अकाउंट खाली कर दिया जाता है।
DCP ने बताया कि संदीप और साहिल ने 3 महीने में डेढ़ करोड़ रुपए ठगे। इसके बाद दिल्ली में हॉल किराए पर लिया। वहां नाइट क्वीन बार एंड रेस्टोरेंट और मेट्रो व्यू बार एंड रेस्टोरेंट खोला। इस संबंध में दिल्ली पुलिस को जानकारी दी गई है
फर्जी ऐप पर खुद के मुनाफे वाले डॉक्यूमेंट दिखाकर फंसाते
DCP ने बताया कि दोनों ठग डिजिटल करेंसी में निवेश से कई गुना मुनाफा होने का लालच देते। 'DEFTER/LEDGER ACCOUNTING फर्जी ऐप' तैयार किया था। उसमें खुद के डिजिटल करेंसी में करोड़ों के फायदे वाले डॉक्यूमेंट तैयार कर रखे थे। उन्हीं को दिखाकर फंसाते थे।
इसके साथ-साथ CBI ऑफिसर, एडिशनल डायरेक्टर बन कर लोगों को टैक्स, एनओसी, पेनाल्टी व एजेंसियों की जांच का सम्मन, नोटिस और जेल भेजने के नाम से डराते थे। आरोपी ट्रू कॉलर पर CBI के नाम से नम्बर सेव कर लोगों से बात करते थे, ताकि लोगों को डरा-धमकाकर उनसे अपने खातों में रुपए ट्रांसफर करा सकें।
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